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बीज उन्नत किस्म का नहीं है तो किसान की मेहनत बेकार और वांछित उपज भी नहीं मिलती- कुलपति प्रो.आर.पी. सिंह

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एस.के.आर.ए. यू: बीज दिवस वर्चुअल कार्यक्रम – खरीफ 2021

बीकानेर,10 जून। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय बीज परियोजना के द्वारा बीज दिवस- खरीफ 2021, वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के समन्वयक, डॉ. एन.के. शर्मा ने बताया की बीज दिवस के आयोजन का उद्देश्य कृषि के सभी हिस्सेदारों को जागरूक करने और किसानों को विश्वविद्यालय द्वारा लिए जा रहे उन्नत बीज उत्पादन कार्यक्रमों के बारे में अवगत कराना है । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो.आर.पी. सिंह ने विचार रखे की कोरोना महामारी के दौर में सामाजिक और भौतिक दूरी बाध्यता बनी हुई है, घर खेत से निकलना दुष्कर हो रहा है । इस समय, हमारे पश्चिमी राजस्थान का कृषि के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण खरीफ मौसम प्रारंभ हो गया है। यदि बीच उन्नत किस्म का नहीं है तो किसान द्वारा अच्छी खाद-उर्वरक, कृषि रसायन, समय पर सिंचाई और भरपूर मेहनत भी बेकार हो जाती है और वांछित उपज भी नहीं मिलती। विश्वविद्यालय इस दिशा में अपनी जिम्मेदारी हुए समझते हुए किसानों को एवं अन्य संस्थाओं को प्रमाणित, सत्य चिन्हित, आधार एवं प्रजनक बीज उपलब्ध करवाने का भरसक प्रयास कर रहा है। श्रीगंगानगर एवं बीकानेर स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र, हनुमानगढ़ स्थित कृषि अनुसंधान उपकेंद्र के साथ-साथ रोजड़ी, खारा एवं बीछवाल स्थित विश्वविद्यालय कृषि फार्म अपने क्षेत्र में होने वाली लगभग सभी फसलों के बीज उपलब्ध करवाने हेतु प्रयासरत हैं। बाजरा की दो नई किस्मे बीएचबी 1202 एवं बीएचबी 1602 राज्य एवं केंद्र स्तर पर किसानों के लिए जारी कर दी गई है, आने वाले वर्षों में इनका बीज किसानों को उपलब्ध हो जाएगा। यह सभी किसने कम अवधि की सूखे को सहन करने की क्षमता रखने वाली और अधिक उत्पादन क्षमता के गुणों से युक्त हैं। इस केंद्र से विकसित की गई मोठ की नवीन किस्म आरएमओ2251 भी बीज श्रृंखला में आ गई है और इस किस्म का उन्नत बीज भी किसानों को उपलब्ध करवाया जा रहा है। कृषि अनुसंधान केंद्र श्री गंगानगर से भी कपास की दो एवं चने की एक किस्म का विकास हाल ही में हुआ है इनका बीज भी आने वाले समय में किसानों को उपलब्ध होने लग जाएगा । इस केंद्र से विकसित चने की किस्म जीएनजी 1581 राज्य ही नाही वरन राष्ट्रीय स्तर पर बहुत लोकप्रिय हो रही है। राष्ट्रीय स्तर पर इस बीज उत्पादन कार्यक्रम में एक बड़ा हिस्सा इस इकलौती किस्म का है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि अनुसंधान निदेशक डॉ. पी.एस. शेखावत व निदेशक प्रसार डॉ एस. के. शर्मा रहे। इस वर्चुअल कार्यक्रम में डॉ.आर.पी.एस.चौहान, क्षेत्रीय निदेशक अनुसंधान श्रीगंगानगर ने बीज की उपलब्धता और डॉ.एस. आर. यादव, क्षेत्रीय निदेशक अनुसंधान बीकानेर ने फसल की किस्मों एवं डॉ. दाताराम कुम्हार ने बीज उपचार, डॉ अमर सिंह गोदारा ने फसल प्रबंधन तकनीक डॉ. वी.एस.आचार्य ने सफेद लट व दीमक प्रबंधन के उपाय पर संवाद किया। कई प्रगतीशील किसानो जैसे सवाई सिंह राठोर, राजकुमार, बी.एल.परिहार ने सवाल जवाब किए और कार्यक्रम के अंत में डॉ सीमा त्यागी (एटिक प्रभारी) ने सभी का आभार व्यक्त कर धन्यवाद ज्ञापित किया।

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