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घर आती पिणहारी सिंझ्या’,और ‘थम जा थोड़ी ताळ भायला’ 

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– डॉ रेणुका व्यास श्रीगंगानगर के पाठकों से हुईं रूबरू

– व्यास का गंगानगर में हुआ अभिनंदन

बीकानेर- श्रीगंगानगर। ‘सृजन सेवा संस्थान’ श्रीगंगानगर के तत्वावधान में ‘लेखक से मिलिए’ कार्यक्रम में रविवार को डाॅ. रेणुका व्यास ‘नीलम’ श्रीगंगानगर के साहित्य अनुरागी एवं स्थानीय साहित्यकारों एवं साहित्य प्रेमी श्रोताओं से रूबरू हुईं। अपनी रचना प्रक्रिया साझा करते हुए डॉ रेणुका व्यास ने हिन्दी और राजस्थानी की अनेक रचनाओं का पाठ करके श्रोताओं की वाहवाही बटोरी। ‘धरती पानी गीत बचा लें और ‘जीवन कहीं नहीं जाता है जैसे हिन्दी गीतों के साथ ‘घर आती पिणहारी सिंझ्या’,और ‘थम जा थोड़ी ताळ भायला’ जैसी राजस्थानी की बेहतरीन रचनाएं सुना कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। डॉ व्यास ने गजल और अतुकांत रचनाएं भी सुनाईं।उल्लेखनीय है कि डाॅ. व्यास की हिन्दी और राजस्थानी की पांच पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। जिनमें तीन कविता संग्रहों के साथ एक निबंध संग्रह और एक उपन्यास भी शामिल है। इस अवसर पर सृजन सेवा संस्थान के पदाधिकारियों द्वारा डॉ रेणुका व्यास का अभिनंदन किया गया उन्हें अभिनंदन पत्र, शाल,स्मृति चिन्ह एवं श्रीफल भेंट किया गया ।
लेखिका का परिचय प्रसिद्ध साहित्यकार और संपादक डाॅ. कृष्ण कुमार ‘आशु’ ने दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत्त कृषि वैज्ञानिक डाॅ. ओपी वैश्य ने की। धन्यवाद ज्ञापन शायर श्री अरुण कुमार सहरिया ने और कार्यक्रम का संचालन कवि डाॅ. संदेश त्यागी ने किया। कार्यक्रम में शहर के गणमान्य व्यक्तियों के अलावा वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ.मंगत बादल सपत्नीक उपस्थित थे।

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