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बागला स्कूल के वार्षिक उत्सव में व्याख्याता डॉ. शमशाद, शिक्षक मुकुल व अमर सिंह सम्मानित

चूरू। शहर के ऐतिहासिक राजकीय बागला उ मा वि चूरू में रंगारंग देशभक्ति कार्यक्रमों से औतप्रोत वार्षिकोत्सव की शुरूआत सरस्वती वंदना के साथ हुई। प्रधानाचार्य महेश सोनी, डॉ शमशाद अली और रामकुमार ने मुख्यतिथि वरिष्ठ कांग्रेस नेता और समाजसेवी रफ़ीक मंडेलिया का शॉल, मोमेंटो व गुलदस्ता पेश कर स्वागत किया।। विशिष्ठ अतिथि नगर परिषद सभापति पायल सैनी का अभिनंदन मुकुल भाटी, अमर सिंह कस्वां और बालचंद्र शर्मा ने किया। स्वागत भाषण देते हुए प्रधानाचार्य महेश सोनी ने बागला स्कूल की उपलब्धियों और बेहतर शेक्षणिक स्तर से अतिथियों को अवगत कराया जिस पर सभी ने विद्यालय के शेक्षणिक प्रबंध की सराहना की। मुख्य अतिथि रफ़ीक मंडेलिया ने कहा कि तालीम की बुनियाद पर ही कामयाबी की बुलंदियों को छुआ जा सकता है इसके लिए हम सब मिलकर हर मुमकिन कोशिश करेंगे। विशिष्ट अतिथि सभापति पायल सैनी ने कहा कि इस विद्यालय की ऐतिहासिक पृष्ठ भूमि गौरवशाली रही है जिसको बरक़रार रखना हम सब की ज़िम्मेदारी है। विशिष्ठ अतिथि रामकुमार मडदा ने कहा कि पारितोषिक से आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान व नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय उर्दू अवार्ड मिलने पर व्याख्याता डॉ. शमशाद अली, आइडियल शिक्षक मुकुल भाटी, राज्य स्तर पर सम्मानित अमर सिंह कस्वां का सम्मान किया गया।
इस अवसर पर युवा नेता इरशाद मंडेलिया, आशाराम सैनी, उपसभापति प्रतिनिधि रमज़ान खान, उप भोक्ता मंच की सदस्या संतोष मासूम,एडवोकेट सद्दाम हुसैन,नारायण बालान सहायक निदेशक महेंद्र बड़सरा, डीओ संपत राम बारूपाल सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में जूनियर वर्ग में बूम बूम डांस तथा सीनियर वर्ग में वृद्धावस्था नाटक को प्रथम पुरस्कार देते हुए सम्मानित किया गया।इस तरह से कुल 101 होनहार विद्यार्थियों का सम्मान किया गया । व्याख्याता उमा लाटा और चन्दगीराम दूत ने कार्यक्रम के लिए विशेष आर्थिक सहयोग किया । इस अवसर पर स्टाफ सदस्यों में भगवानाराम सारण, प्रीति सामौर,प्रेम सिंह इंदा, जयप्रकाश सैनी, जगदीश प्रसाद दुल्लड़,कांता जोशी, सरिता दनेवा, संजय गुप्ता, बौद्ध,रेणु सुईवाल, अबरार खान, नारायण सिंह, देवकरण,सगीर अहमद,सुमित्रा, पृथ्वी सिंह आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन छात्रा आईना जांगिड़,मनीषा प्रजापत, गौरव सोनी और कृष्ण स्वामी ने किया।

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