31 लाख करोड़ की विशाल परिसम्पितियों की मालिक यह संस्था आज अपने अधिकारों के लिए उतरी सड़क पर
बीकानेर। भारतीय जीवन बीमा निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के संगठनों क्रमशः एल.आई.सी. प्रथम श्रेणी अधिकारी संगठन, ऑल इण्डिया इन्श्योरेन्स एम्पलाॅइज एसोसियेशन (ए.आई.आई.ई.ए.) और पेंशनर्स एसोसियेशन के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय जीवन बीमा निगम के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी आज हड़ताल पर रहे। भारत सरकार के एल.आई.सी. को स्टाॅक एक्सचेंज में सूचीबद्ध करने और आई.पी.ओ. के माध्यम से अपने हिस्से के शेयर बेचने, एफ.डी.आई. की सीमा 49 प्रतिशत से बढाकर 74 प्रतिशत करने एवं अगस्त 2017 से निगमकर्मिर्यो के बकाया वेतन पुनरीक्षण में अनावश्यक देरी के विरोध में देशभर के निगम कार्यालयों में आज 18 मार्च 2021 की एक दिवसीय हडताल आयोजित की गई। देशभर में निगम कार्यालयों के समक्ष अधिकारियों/कर्मचारियों/ विकास अधिकारियों ने संयुक्त रूप से भारत सरकार एवं निगम के उच्च प्रबन्धन का घोर विरोध करते हुए जोशीले नारों के साथ शानदार प्रदर्शन किया।
निगम के सभी ट्रेड यूनियनों ने सरकार के इस कदम का पुरजोर विरोध किया हैं। आज शत -प्रतिशत सरकारी नियंत्रण वाली एल.आई.सी. आमजन की छोटी-छोटी बचतों को इकट्ठा कर देश के विकास में उल्लेखनीय योगदान देती आ रही हैैं। सन् 1956 में अपनी स्थापना से ही एल.आई.सी. ने करोड़ों भारतीयों का विश्वास और ख्याति अर्जित कर कई माइलस्टोन को पार किया हैं। एल.आई.सी. ने जीवन बीमा व्यवसाय के विभिन्न क्षेत्रों में अद्वितीय प्रदर्शन करते हुए कई रिकार्ड दर्ज करवाये हैं। सन् 1956 में 5 करोड़ रू. के बीमाधन से शुरूआत करते हुए आज एल.आई.सी. 31 लाख करोड़ की विशाल परिसम्पितियों की मालिक हैं। एल.आई.सी. का 31 मार्च 2019 को कुल लाइफ फण्ड रू. 28.28 लाख करोड़ हैं। गत दो दशकों से विभिन्न निजी बीमा कम्पनियों के साथ प्रतिस्पद्र्धा के बावजूद एल.आई.सी. के पास आज 73 प्रतिशत से अधिक बाजार हिस्सेदारी कायम हैं।
हमें गर्व हैं कि एल.आई.सी. ने भारत सरकार के कुल बजट प्रयासों में 25 प्रतिशत से अधिक का सहयोग प्रदान किया हैं। एल.आई.सी. ने 5 करोड़ रू. के शुरूआती अंशदान जो कि सन् 2011 में 100 करोड़ हो गया के बदले में हाल ही में भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा भारत सरकार को 2697 करोड़ रू. का डिविडेंड भुगतान एवं पाॅलिसीधारकों को 51,257 करोड़ रू. के लाभांश की घोषणा की गई हैं।
यहाॅं यह उल्लेख करना प्रासंगिक होगा कि एल.आई.सी. ने अपनी स्थापना से लेकर आज तक कुल 26,005 करोड़ रू. का डिविडेेड भारत सरकार को दिया हैं। इस प्रकार एल.आई.सी. ने भारत की सुनिनियोचित विकास परियोजनाओं में उल्लेखनीय योगदान प्रदान किया हैं। निश्चित रूप से एल.आई.सी. में सरकारी हिस्सेदारी बेचने और इसके डिसइन्वेस्टमेंट का भारत सरकार के वित्तीय संसाधनों के प्रबन्धन और आमजन की छोटी-छोटी बचतों पर विपरीतगामी असर पडेगा। सरकार का यह कदम ठीक वैसा ही हैं जैसे कि रोज सोने के अण्डे देने वाली मुर्गी को हलाल कर एक ही दिन में सारे अण्डे निकालने के प्रयास किये जाये।
जयपुर रोड स्थित बीकानेर मण्डल कार्यालय के समक्ष आयोजित संयुक्त प्रदर्शन में आॅल इण्डिया इन्श्योरेन्स एम्पलाॅइज एसोसियेशन की ओर से राकेश जोशी, शौकत अली पंवार एवं नरेश वर्मा, एल.आई.सी. प्रथम श्रेणी अधिकारी संगठन की ओर से प्रभात राजवंशी एवं संजीव खत्राी, नेशनल फैडरेशन ऑफ इन्श्योरेन्स फीड वर्कर्स की ओर से राहुल जायसवाल व मनोज बैद एवं पेंशनर्स एसोसियेशन की तरफ से वयोवृद्ध साथी सी.एल. शर्मा व वी.पी. व्यास ने सरकार के इस निगम विरोधी एवं जन विरोधी कदम की घोर भर्तस्ना करते हुए इसके खिलाफ समस्त निगमकर्मियों को एकजुट होकर एवं आमजन के सहयोग से जन आंदोलन में बदलने का आहवान् किया। साथ ही सरकार को चेतावनी भी दी कि इस आत्मघाती निर्णय की सरकारी मंशा को बीमा कर्मी कभी पूरा नहीं होने देगें। इसके खिलाफ संघर्ष को और तीव्र करते हुए सरकार को अपने निर्णय को वापिस लेने को मजबूर करेगें।
बीमा कर्मियों के इस प्रदर्शन में बैंक कर्मचारी नेता वाई.के. शर्मा योगी भी उपस्थित रहे। श्री योगी ने कहा कि बीमा कर्मियों के इस आंदोलन में बैंक कर्मियों की तरफ से पूर्ण समर्थन व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार देश के विभिन्न वित्तीय संस्थानों एवं उद्योगों को निजी पूंजीपतियों के हितो के लिये औने-पौने दाम पर बेचने के कुप्रयास कर रही है जिसका समस्त कर्मचारी वर्ग मिलकर पुरजोर विरोध करता रहेगा।
निगमकर्मियों के अगस्त 2017 से देय वेतन पुनरीक्षण में अत्यधिक देरी को लेकर भी कर्मचारियों में रोष गहराता जा रहा हैं। शीघ्र ही इसका निस्तारण नहीं किया गया तो आंदोलन को और तेज किये जाने की चेतावनी दी गई।
प्रभात राजवंशी राहुल जायसवाल शौकत अली पंवार सी.एल. शर्मा
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