बाड़मेर में ब्रोकली की खेती सराहनीय पहल : मीणा
- किसान सब्जियों की खेती करके बाड़मेर को आत्म निर्भर बनाएं
बाड़मेर। बाड़मेर जैसे मरुस्थली जिले में ब्रोकली की खेती सराहनीय पहल है। खेताराम से दूसरे किसान प्रेरणा लेकर बाड़मेर जिले को सब्जी उत्पादन के लिहाज से आत्म निर्भर बनाएं। जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने गुरुवार को माडपुरा बरवाला में किसान खेताराम के खेत में ब्रोकली की खेती का अवलोकन करते हुए यह बात कही।
इस दौरान जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने कहा कि किसान खेताराम ने ब्रोकली की खेती करते हुए यह साबित कर दिया है कि बाड़मेर में विषम परिस्थितियां वाली सब्जियां की पैदावार की जा सकती है। उन्हांने बाड़मेर उन्नति परियोजना के तहत सहगल फाउंडेषन एवं केयर्न ऑयल एंड गैस के प्रयासां की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के नवाचारां से अधिकाधिक किसानां को जोड़ा जाए। उन्हांने सब्जियां की खेती का दायरा बढ़ाने एवं अगली बार बड़े पैमाने पर ब्रोकली की खेती करवाने के लिए वृहद स्तर पर प्रयास करने की बात कही। उन्हांने कहा कि कृषि विभाग के माध्यम से भी जिले में इस तरह की खेती के प्रयास किए जाएंगे। जिला कलक्टर मीणा ने कहा कि मौजूदा समय में बाड़मेर जिला सब्जियां के लिहाज से गुजरात एवं प्रदेष के अन्य जिलां पर निर्भर है। ऐसे में स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर सब्जियां एवं स्थानीय जरूरत के मुताबिक फसलां की खेती करते हुए बाड़मेर को आत्म निर्भर बनाने का प्रयास करना चाहिए। सहगल फाउंडेषन के गोपाल व्यास ने ब्रोकली की खेती एवं बाड़ी कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। किसान खेताराम पूनड़ ने ब्रोकली की खेती से जुड़े अनुभव साझा करते हुए कहा कि अब दूसरे किसान भी इसकी खेती के बारे में उनसे जानकारी ले रहे है। उन्हांने कहा कि अगली बार दूसरे किसानां को प्रेरित करने के साथ वह स्वयं बड़े पैमाने पर इसकी खेती करेंगे। उन्हांने बेर के पौधां की कलम करवाने के बारे में जानकारी दी। इस दौरान डा. भैरूसिंह डूडी, डूंगराराम, हरखाराम, हनुमान समेत कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।