सरकार सालाना 79 करोड़ का नुकसान उठा कर भी मास्टर जी से करा रही है बाबूगिरी
बीकानेर। राजस्थान में स्कूली शिक्षकों से क्लर्क का काम करवाया जा रहा है। इसके चलते सरकार को सालाना 79 करोड़ रूपए का घाटा हो रहा है। इस संबंध में सीएम को भी अवगत कराया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह जानकारी शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष गिरिजा शंकर आचार्य ने गंगाशहर रोड स्थित होटल मरूधर हेरिटेज में पत्रकारों को दी। इससे पहले संघ के संस्थापक मदन गोपाल व्यास ने बताया कि आरटीई में स्पष्ट लिखा है कि शिक्षक से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं करवा सकते, लेकिन वास्तविकता यह है कि शिक्षक मंत्रालयिक कार्मिकों के ही काम कर रहा है। व्यास ने बताया कि शिक्षक के पास शिक्षण की ट्रेनिंग होती है तब क्लर्क के काम में शिक्षण की ट्रेनिंग कुछ काम नहीं आती यानी जिसका काम उसी को साजे वाली बात है। शिक्षा का पूरा ढांचा डूब रहा है और कोई सुनवाई करने वाला भी नहीं है। सरकारें धोखा कर रही है। व्यास ने बताया कि इस 13 मार्च को अजमेर में सम्मेलन होगा जिसमें प्रदेशभर के मंत्रालयिक कर्मचारी आएंगे और फिर एक संघर्ष समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति आगे की रणनीति तय करेगी। प्रदेश संरक्षक राजेश व्यास ने कहा कि पिछले कुछ सालों में स्कूलों की संख्या बढ़ी हैं और सरकारी योजनाओं में भी बढ़ोतरी हुई है, मैन पावर में बढ़ोतरी नहीं की। ऐसे में मंत्रालयिक कार्मिकों पर काम का बोझ बहुत ज्यादा हो गया है। पत्रकार वार्ता में विष्णु दत्त पुरोहित, अविकांत पुरोहित आदि ने भी संबोधित किया। संघ के संभागध्यक्ष कमल नारायण आचार्य ने बताया कि ग्रेड पे 3600 सहित मंत्रालयिक संवर्ग के प्रमुख पांच सूत्रीय मांग पत्र को लेकर शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ राजस्थान बीकानेर द्वारा मुख्यमंत्री एवं राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव को प्रेषित पांच सूत्रीय मांग पत्र पर नियमों में अधिसूचना / निर्णय नहीं किये जाने के कारण प्रदेशभर में मंत्रालयिक संवर्ग के कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने पत्रकारों को संगठन की पांच सूत्री मांगों से भी अवगत कराया।
ये हैं पांच सूत्री मांगें
- राजस्थान स्टेट पैरीटी के आधार पर कनिष्ठ सहायक ( लिपिक ग्रेड – द्वितीय ) की ग्रेड पे 3600 लेवल -10 में की जाए। 2 राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी संघर्ष समिति एवं राज्य सरकार की ओर से गोविन्द शर्मा तत्कालीन प्रमुख शासन सचिव वित्त के मध्य हुए शासन से समझौते के निर्णय दिनांक 16.08.2013 के अनुरूप मंत्रालयिक संवर्ग के अराजपत्रित एवं राजपत्रित पदों का नवीन सजृन किया जाए। 3 शासन सचिवालय एवं अधीनस्थ कार्यालयों में कार्यरत मंत्रालयिक संवर्ग के अराजपत्रित एवं राजपत्रित पदों में व्याप्त असमानता को दूर करते हुए पद , पदौन्नति प्रावधान एवं वेतन में समानता की जाए । इसके लिए नियमों में संशोधन किया जाए। 4 वेतन वसूली की अधिसूचना को तत्काल प्रभाव से प्रतिहारित किया जाए। 5 शिक्षा विभाग के निदेशालय सहित रागरत राज्य स्तरीय , संभाग स्तरीय , जिला स्तरीय , एव ब्लॉक स्तरीय कार्यालयों रो शैक्षिक संवर्ग के स्टाफ यथा अध्यापक , वरिष्ठ अध्यापक , व्याख्याता ( स्कूल शिक्षा ) एवं समकक्ष पदों को समाप्त किया जाए तथा इन पदों पर कार्यरत शैक्षिक स्टाफ को अन्यत्र पद सहित स्थानान्तरित किया जाए। साथ ही कार्यालयों में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत शैक्षिक स्टाफ की प्रतिनियुक्तियां तत्काल प्रभाव से समाप्त कर उन्हें शालाओं में भेजा जाए। कार्य महत्ता को देखते हुए पी.ई.ओ. सहित समस्त कार्यालयों में मंत्रालयिक संवर्ग के पदों का सृजन कर पदस्थापन किया जाए ।